यह दुनिया, एक अनसुलझी किताब(The World : An Unsolved Book) के जैसी है, अनेकों अन्वेषकों ने समय-समय पर इस किताब को सुलझाने की बारम्बार कई कोशिशें की हैं लेकिन अभी भी लगता है कि उन पन्नों को सुलझाना अभी भी बाकी रह गया है। इतिहास के कुछ अन्वेषक जैसे कि Marco Polo (Italy) ने अपनी पुस्तक “The Travels of Marco Polo” में चीन, भारत, फारस (ईरान), और मध्य एशिया के देशों की संस्कृति, रीति-रिवाज, व्यापार, शासन व्यवस्था, भोजन, वस्त्र और लोगों के जीवन के बारे में विस्तार से बताया है परन्तु काल के चलते चक्र के साथ संस्कृति, रीति-रिवाज, व्यापार, शासन व्यवस्था, भोजन, वस्त्र और लोगों का जीवन भी परिवर्तित होता रहता है और कदाचित इसीलिए यह किताब अनसुलझी है। हम आज जिस वर्तमान स्थिति में है वह निश्चित रूप से भविष्य में कुछ अलग ही होगी। दुनिया को जानने के लिए सर्वप्रथम इस पृथ्वी को जानना आवश्यक है, तो चलिए सबसे पहले इसके विषय में संछिप्त में जानते हैं।
पृथ्वी(Earth)
पृथ्वी पर महाद्वीपों का इतिहास(History of the continents on Earth)
पृथ्वी का सतत एक बड़ा भू भाग होता है जिसे महाद्वीप के नाम से जाना जाता है, इन महाद्वीपों का इतिहास भूवैज्ञानिक गठन, मानव सभ्यता और सांस्कृतिक विकास के ऊपर निर्भर है, जिसे इसी क्रम में समझने का प्रयास करते हैं।
भूवैज्ञानिक गठन(Geological Formation) में ऐसा माना जाता है कि मुख्य रूप से प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण,महाद्वीपों का निर्माण करोड़ों साल पहले हुआ। पृथ्वी की सतह कई भागो में विभाजित है, जिनके अपने स्थान से सरकने या दूसरी सतहों के साथ टकराने के कारण महाद्वीपों का निर्माण हुआ। पृथ्वी के सबसे प्राचीन महाद्वीपों में पैंगिया (Pangaea) लगभग 335–175 मिलियन साल, गोंडवाना (Gondwana) इसमें आज का अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, भारत, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया, लॉरासिया (Laurasia) इसमें उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया मने जाते हैं।
आधुनिक समय(Modern Times)
आधुनिक समय में पृथ्वी पर सात प्रमुख महाद्वीप माने जाते हैं जोकि एशिया, अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, यूरोप,ऑस्ट्रेलिया हैं। यह मानव बस्ती और शहरों के लिए, प्राकृतिक संसाधनों के लिए और जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अभी तक हमने पृथ्वी के विषय और पृथ्वी पर महाद्वीपों का इतिहास के विषय में ज्ञान प्राप्त कर लिया है, अब उस दुनिया के विषय में ज्ञान प्राप्त करेंगे जहाँ हम और अन्य सभी जीव-जंतु रहते हैं।
दुनिया(World)
दुनिया वह स्थान है जहाँ हम और अन्य सभी जीव-जंतु रहते हैं। यह पृथ्वी का ही वह हिस्सा है जिसमें प्रकृति, जीव-जंतु, मनुष्य, समाज, संस्कृति और सभ्यता शामिल हैं।दुनिया के शाब्दिक अर्थ की व्यख्या जो अभी तक ज्ञात है उसके अनुसार सम्पूर्ण मानव जीवन और उसका परिवेश है, जिसमें पृथ्वी, जल, वायु, आकाश, जीव-जंतु, पौधे और मानव समाज सभी आते हैं। भौतिक दृष्टि से दुनिया का अर्थ पृथ्वी से है जो सूर्य की परिक्रमा करती है और जीवन को सम्भव बनाती है। सामाजिक दृष्टि से “दुनिया” का अर्थ है मानव समाज और उसकी जीवनशैली - जैसे भाषा, संस्कृति, परंपराएँ, विज्ञान, कला और भावनाएँ।दार्शनिक दृष्टि से दुनिया को एक रहस्य, अनुभव और ज्ञान का क्षेत्र माना गया है।हर व्यक्ति की अपनी “दुनिया” होती है - यानी उसकी सोच, भावनाएँ और जीवन का नजरिया।